मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों में स्वाधीनता का मुखर स्वर कोरी भारती मनोज कुमार प्रेमचंद के उपन्यास (विविध आयाम), 58 -64, 2023 | | 2023 |
भक्तिकालीन निर्गुण दलित कवियों की सामाजिक चेतना भारती कोरी DR.Harisingh Gour Vishwavidyalaya Sagar MP, 2018 | | 2018 |
अस्मितावादी विमर्शों के विविध आयाम मनोज कुमार कोरी, भारती Uttam nagar, New Delhi,Akadmik pratibha, 2018 | | 2018 |
मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में राम मनोज कुमार कोरी, भारती जनमानस में राम, 121-129, 2018 | | 2018 |
गोस्वामी तुलसीदास के काव्य में राम का चरित्र भारती कोरी, मनोज कुमार लोकजीवन में रामकथा, 165-172, 2018 | | 2018 |
निर्गुण भक्त कवियों का सामाजिक चिंतन भारती कोरी चंदा बैन Global Research Canvas 1, 18-22, 2017 | | 2017 |
संत रैदास की वाणी एवं विचार मनोज कुमार कोरी, भारती भक्तिकाल वाणी और विचार, 149-158, 2017 | | 2017 |
विमर्शों के परिप्रेक्ष्य में दलित आत्मकथाओं कोरी भारती मनोज कुमार अस्मितावादी विमर्श : विविध संदर्भ, 182-192, 2017 | | 2017 |
सूचना,संचार प्रौद्योगिकी और हिंदी भाषा कोरी भारती मनोज कुमार त्रैमासिक ई पत्रिका परिवर्तन 7 (2), 11-14, 2017 | | 2017 |
भक्ति आंदोलन -एक परिदृश्य भारती कोरी E- patrika parivartan 1 (2), 11-13, 2016 | | 2016 |
कबीर साहित्य में सामाज सुधार की संकल्पना चंदा बैन कोरी ,भारती Research Discourse 6 (3), 30-32, 2016 | | 2016 |
मैत्रेयीपुष्पा के कथासाहित्य में बुंदेलखंड विशेष संदर्भ में भारती कोरी Journal of Humanities and culture 1 (1), 177-180, 2015 | | 2015 |
कबीर का समाज दर्शन भारती कोरी Search Look 3, 27-29, 2015 | | 2015 |
मानव मुक्ति की अवधारणा और दलित भारती कोरी Sodha cetana 3 (4), 138-142, 2014 | | 2014 |
दलित विमर्श का हिंदी साहित्य पर प्रभाव भारती कोरी Journal of Humanities and culture 1 (2), 219-222, 2014 | | 2014 |