कबीर के काव्य का लोकधर्म और दलित चेतना रमा शंकर सिंह बहुरि नहिं आवना 22 (1), 167-169, 2023 | | 2023 |
काव्य-कला संबंधी दृष्टि और श्यामसुन्दर दास RS Singh हिन्दुस्तानी 84 (3), 192-195, 2023 | | 2023 |
जनजाति और समाज रमा शंकर सिंह चौमासा 111, 19-23, 2020 | | 2020 |
समकालीनों की नज़र में गाँधी और हिंदी कविता रमा शंकर सिंह शोध प्रवाह 9, 101-104, 2019 | | 2019 |
हिंदी नवगीत में अभिव्यक्त सत्ता और संस्कृति का चिंतन रमा शंकर सिंह स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कविता नए रचनात्मक सरोकार 2, 144-149, 2017 | | 2017 |
नागार्जुन की काव्यकला रमा शंकर सिंह वाकसुधा 8, 39-44, 2016 | | 2016 |
नवगीत की युगीन चेतना और भारतेंदु मिश्र के नवगीत रमा शंकर सिंह शोध समालोचना 12, 66-72, 2016 | | 2016 |
ग्रामीण और नागर समाज का तुलनात्मक अध्ययन रमा शंकर सिंह भिनसार 5, 51-54, 2015 | | 2015 |
राष्ट्र निर्माण के प्रतीक और बदरी नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ का काव्य रमा शंकर सिंह वाकसुधा 6, 97-100, 2015 | | 2015 |
अम्बेडकर की विचारधारा और दलित साहित्य का संदौर्यशास्त्र रमा शंकर सिंह वाकसुधा 2, 109-111, 2014 | | 2014 |